
जब एक आतंकवादी यासर अराफात ने इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया , तो फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला देश कौन था....? सऊदी अरब ? - नहीं! पाकिस्तान? - नहीं! अफगानिस्तान? - नहीं नहीं! इराक? - नहीं! तुर्की ? - नहीं! सोचो, तो किस देश ने सबसे पहले
फ़िलिस्तीन को मान्यता दी होगी.......? भारत....??? हाँ! इंदिरा गांधी ने ही पहले मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन को मान्यता दी , और यासर अराफात जैसे आतंकवादी को "नेहरू शांति पुरस्कार" भी दिया, और राजीव गांधी ने उन्हें " इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार " दिया ।
अधिक आश्चर्यजनक राजीव गांधी ने उन्हें दुनिया भर में घूमने के लिए एक बोइंग उपहार के रूप में दिया था! वही अराफात ने ओआईसी (इस्लामिक देशों के संगठन) में कश्मीर को "पाकिस्तान का एक अभिन्न अंग" बताया, और कहा कि जब भी पाकिस्तान चाहेगा, मेरे लड़के कश्मीर की आजादी के लिए लड़ेंगे।
इंदिरा गांधी ने उन्हें "नेहरू शांति पुरस्कार" दिया, जिसमें एक करोड़ रुपए नकद और दो सौ ग्राम सोने से बनी ढाल शामिल है! सोचिए 1988 में यानी 37 साल पहले, एक करोड़ रुपये की कीमत क्या होगी! (डेढ़ अरब से ऊपर) अब ये कांग्रेस पार्टी मोदी जी को सिखा रही है, "विदेश नीति कैसे होती है....?
आप सभी यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त...! जागो-जागो नहीं तो भविष्य में यह राष्ट्र ना बचेगा और ना हमारा धर्म....! 🇮🇳 जय हिंद - जय भारत 🇮🇳
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